जो हिंदू मांसाहार का उपयोग करते है वो ध्यान से पढ़े.....किस तरह सोची समझी साजिश के तहत मुल्ले नाम के पिशाच हिंदुओं को मांसाहारी बना कर उनका धर्म भ्रष्ट करते है और अपने नापाक धर्म को बढ़ावा दे रहे है.......इस पोस्ट से उन कुछ हिंदू धर्म-भ्रष्टों को आपति हो सकती है जो मांस खाते है......ऐसे लोगो से मे साफ-साफ कहे देता हू की इस पोस्ट पर कोई कमेन्ट ना करे तो अच्छा होगा वर्ना शुध्द हिंदी मे गालियों द्वारा श्रृंगार कर दिया जाएंगा.......
गैर मुस्लिमों को गोश्त खिलाओ
"इब्ने उमर और और इब्न मसूद ने कहा की रसूल ने कहा है ,कुरबानी का गोश्त तुम गैर मुस्लिम दोस्त को खिलाओ ,ताकि उसले दिल में इस्लाम के प्रति झुकाव पैदा हो "
it is permissible to give some of it to a non-Muslim if he is poor or a relative or a neighbor, or in order to open his heart to Islam.
"فإنه يجوز أن أعطي بعض منه الى غير مسلم إذا كان فقيرا أو أحد الأقارب أو الجيران، أو من أجل فتح صدره للإسلام "
Sahih Al-Jami`, 6118
गैर मुस्लिमों जैसे हिन्दुओं को गोश्त खिलाने का मकसद उनको मुसलमान बनाना है ,क्योंकि यह धर्म परिवर्तन की शुरुआत है .बार बार खाने से व्यक्ति निर्दयी और कट्टर मुसलमान बन जाता है .7-
गोश्तखोरी से आदमखोरी
मांसाहारी व्यक्ति आगे चलकर नरपिशाच कैसे बन जाता है ,इसका सबूत पाकिस्तान की ARY News से पता चलता है ,दिनांक 4 अप्रैल 2011 पुलिस ने पाकिस्तान पंजाब दरया खान इलाके से आरिफ और फरमान नामके ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया ,जो कब्र से लाशें निकाल कर ,तुकडे करके पका कर खाते थे . यह परिवार सहित दस साल से ऐसा कर रहे थे.दो दिन पहले ही नूर हुसैन की 24 की बेटी सायरा परवीन की मौत हो गयी थी ,फरमान ने लाश को निकाल लिया ,जब वह आरिफ के साथ सायरा को कट कर पका रहा था ,तो पकड़ा गया . पुलिस ने देगची में लड़की के पैर बरामद किये . इन पिशाचों ने कबूल किया कि हमने बच्चे और कुत्ते भी खाए हैं .ऐसा करने कीप्रेरणा हमें दूसरों से मिली है , जो यही काम कराते हैं . विडियो लिंक
http://www.youtube.com/ watch?v=uoDpLHCr7e0
8-हलाल से हराम तक
खाने के लिए जितने भी जानवर मारे जाते हैं ,उनका कुछ हिस्सा ही खाया जाता है , बाकी का कई तरह से इस्तेमाल करके लोगों को खिला दिया जाता है ..इसके बारे में पाकिस्तान के DUNYA NEWS की समन खान ने पाकिस्तान के लाहौर स्थित बाबू साबू नाले के पास बकर मंडी के मजबह (Slaughter House ) का दौरा करके बताया कि वहां ,गधे कुत्ते , चूहे जैसे सभी मरे जानवरों की चर्बी निकाल कर घी बनाया जाता है . यही नहीं होटलों में खाए गए गोश्त की हडियों को गर्म करके उसका भी तेल निकाल कर पीपों में भर कर बेच दिया जाता है ,जिसे जलेबी ,कबाब ,समोसे आदि तलने के लिए प्रयोग किया होता है . खून को सुखा कर मुर्गोयों की खुराक बनती है . फिर इन्हीं मुर्गियों को खा लिया जाता है .आँतों में कीमा भरके बर्गर बना कर खिलाया जाता है .विडियो लिंकhttp://www.youtube.com/ watch?feature=endscreen&NR= 1&v=6YdtLZGsK_E
हमारी सरकार जल्द ही पाकिस्तान के साथ व्यापारिक अनुबंध करने जारही है ,और तेल या घी के नाम पर जानवरों की चर्बी और ऐसी चीजें यहाँ आने वाली हैं .
लोगों को फैसला करना होगा कि उन्हें पूर्णतयः शाकाहारी बनकर ,शातिशाली , बलवान ,निर्भय और जीवों के प्रति दयालु बन कर देश और विश्व कि सेवा करना है ,या धर्म के नाम पर या दुसरे किसी कारणों से प्राणियों को मारकर खाके हिसक क्रूर निर्दयी सर्वभक्षी पिशाच बन कर देश और समाज के लिए संकट पैदा करना है .
दूसरेधर्मों के लोग ईश्वर को प्रसन्न करने और उसकी कृपा प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या करके खुद को कष्ट देते हैं .लेकिन इस्लाम में बेजुबान जानवरों को मार कर अल्लाह को खुश किया जाता है . और इसी को इबादत या बंदगी माना जाता है .फिर यह बंदगी दरिंदगी बन जाती है .और जिसका नतीजा गन्दगी के रूप में लोग खाते हैं
इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद विचार जरुर करिए .
माँसाहारी अत्याचारी ,और अमानुषिक हो सकते हैं लेकिन बलवान और सहृदय कभी नहीं सो सकते
गैर मुस्लिमों को गोश्त खिलाओ
"इब्ने उमर और और इब्न मसूद ने कहा की रसूल ने कहा है ,कुरबानी का गोश्त तुम गैर मुस्लिम दोस्त को खिलाओ ,ताकि उसले दिल में इस्लाम के प्रति झुकाव पैदा हो "
it is permissible to give some of it to a non-Muslim if he is poor or a relative or a neighbor, or in order to open his heart to Islam.
"فإنه يجوز أن أعطي بعض منه الى غير مسلم إذا كان فقيرا أو أحد الأقارب أو الجيران، أو من أجل فتح صدره للإسلام "
Sahih Al-Jami`, 6118
गैर मुस्लिमों जैसे हिन्दुओं को गोश्त खिलाने का मकसद उनको मुसलमान बनाना है ,क्योंकि यह धर्म परिवर्तन की शुरुआत है .बार बार खाने से व्यक्ति निर्दयी और कट्टर मुसलमान बन जाता है .7-
गोश्तखोरी से आदमखोरी
मांसाहारी व्यक्ति आगे चलकर नरपिशाच कैसे बन जाता है ,इसका सबूत पाकिस्तान की ARY News से पता चलता है ,दिनांक 4 अप्रैल 2011 पुलिस ने पाकिस्तान पंजाब दरया खान इलाके से आरिफ और फरमान नामके ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया ,जो कब्र से लाशें निकाल कर ,तुकडे करके पका कर खाते थे . यह परिवार सहित दस साल से ऐसा कर रहे थे.दो दिन पहले ही नूर हुसैन की 24 की बेटी सायरा परवीन की मौत हो गयी थी ,फरमान ने लाश को निकाल लिया ,जब वह आरिफ के साथ सायरा को कट कर पका रहा था ,तो पकड़ा गया . पुलिस ने देगची में लड़की के पैर बरामद किये . इन पिशाचों ने कबूल किया कि हमने बच्चे और कुत्ते भी खाए हैं .ऐसा करने कीप्रेरणा हमें दूसरों से मिली है , जो यही काम कराते हैं . विडियो लिंक
http://www.youtube.com/
8-हलाल से हराम तक
खाने के लिए जितने भी जानवर मारे जाते हैं ,उनका कुछ हिस्सा ही खाया जाता है , बाकी का कई तरह से इस्तेमाल करके लोगों को खिला दिया जाता है ..इसके बारे में पाकिस्तान के DUNYA NEWS की समन खान ने पाकिस्तान के लाहौर स्थित बाबू साबू नाले के पास बकर मंडी के मजबह (Slaughter House ) का दौरा करके बताया कि वहां ,गधे कुत्ते , चूहे जैसे सभी मरे जानवरों की चर्बी निकाल कर घी बनाया जाता है . यही नहीं होटलों में खाए गए गोश्त की हडियों को गर्म करके उसका भी तेल निकाल कर पीपों में भर कर बेच दिया जाता है ,जिसे जलेबी ,कबाब ,समोसे आदि तलने के लिए प्रयोग किया होता है . खून को सुखा कर मुर्गोयों की खुराक बनती है . फिर इन्हीं मुर्गियों को खा लिया जाता है .आँतों में कीमा भरके बर्गर बना कर खिलाया जाता है .विडियो लिंकhttp://www.youtube.com/
हमारी सरकार जल्द ही पाकिस्तान के साथ व्यापारिक अनुबंध करने जारही है ,और तेल या घी के नाम पर जानवरों की चर्बी और ऐसी चीजें यहाँ आने वाली हैं .
लोगों को फैसला करना होगा कि उन्हें पूर्णतयः शाकाहारी बनकर ,शातिशाली , बलवान ,निर्भय और जीवों के प्रति दयालु बन कर देश और विश्व कि सेवा करना है ,या धर्म के नाम पर या दुसरे किसी कारणों से प्राणियों को मारकर खाके हिसक क्रूर निर्दयी सर्वभक्षी पिशाच बन कर देश और समाज के लिए संकट पैदा करना है .
दूसरेधर्मों के लोग ईश्वर को प्रसन्न करने और उसकी कृपा प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या करके खुद को कष्ट देते हैं .लेकिन इस्लाम में बेजुबान जानवरों को मार कर अल्लाह को खुश किया जाता है . और इसी को इबादत या बंदगी माना जाता है .फिर यह बंदगी दरिंदगी बन जाती है .और जिसका नतीजा गन्दगी के रूप में लोग खाते हैं
इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद विचार जरुर करिए .
माँसाहारी अत्याचारी ,और अमानुषिक हो सकते हैं लेकिन बलवान और सहृदय कभी नहीं सो सकते
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ReplyDeleteहिन्दू धर्म ही नहीं है और ये खाते क्यों हैं
ReplyDeleteTeri ammi ki choot madarchod katuwe, hindu hee sirf dharm hai duniya me sabse Ganda majhab ek hee hai kathmullo ka majhab sale aatankwadi deshdrohi suar kahi k
Deleteमेरा नाम विशाल है और मै सिर्फ 13 साल का हुँ मै मांस खाता हूँ लेकिन इस लेख को पढने के बाद मे कसम खाता हुँ कि मे कभी भी मीट को खाना तो दुर देखुगाँ भी नही मेरी आँखे खोलने के लिए धन्यवाद ॥ मुझे गर्व है कि मे एक हिन्दु हूँ । जय श्री राम धन्यवाद
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